Thursday, 30 August 2012

स्वप्न

रात भर  बिस्तर पे सपनो के  झूलों ने खूब झुलाया , एक बच्चे की तरह मैं भी मजे लेता रहा इस बात से  अंजान के झुला रस्सी का हैं तो कभी न कभी टूटेगा ही!
सुबह चिड़ियों की चहचहाहट से नींद खुली तो देखा झूले की रस्सी टूटी पड़ी थी ,
घर के बाहर  कुछ लोगो की भीड़ जमी थी  पता किया तो एक सज्जन ने लम्बी सांस  भरते हुए कहा 
भाई मियाँ  कोने के  अप्पर्टमेन्ट  कल रात कुछ चोरो ने डाका डाला और मोटा  माल ले उड़े ..भाई मिया आज -कल सभी मोटे माल के  पीछे ही पड़े है ! 
अब तो मोटे ताले भी इन चोरो की भांसा समझने लगे है !!
खैर !  जो हुआ सो हुआ ...
जब अच्छे -अच्छे सपने टूट जाते है तो इन तालो का क्या ? 

Sunday, 10 April 2011

world cup

दुनिया में कई सारे खेल आये लेकिन मेरे मन को एक न  भाये,
हाँ! एक खेल ऐसा आया 'जो मेरे मन को खूब भाया ......
सचिन और वारने जैसे  बल्लेबाज और गेंदबाज जिसने दिए
वह  खेल क्रिकेट कहलाया .............................................................
पैसे की तो इस खेल में कमी ही नहीं, वर्ल्ड कप से  करोड़पति
बनने के बाद चलो "आई पी एल" ही खेल  ली !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
इस खेल से अनजान चेहरों की हो रही पहचान  है
और नेशनल टीम में खेलने के सपने हो रहे साकार है ............
अभी तो यह "आई पी एल" सीजन की शुरुआत है और
नजाने कितने चेहरों की अभी होनी  पहचान है .........................
जो भी हो इस खेल से भारतीय क्रिकेट हो रहा आबाद है!
जय हो क्रिकेट वर्ल्ड कप की !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!